रानीगंज: श्रमिक नेता दिवंगत सुकुमार बैनर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए बल्लभपुर स्थित श्रमिक शहीद सुकुमार बनर्जी के स्टेचू के सामने आयोजित श्रधांजलि सभा में आसनसोल के पूर्व सांसद वंश गोपाल चौधरी और युवा वामपंथी नेत्री मीनाक्षी मुखर्जी ने राज्य सरकार पर श्रमिक हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया .
सभा में श्री चौधरी ने सुकुमार बैनर्जी को श्रमिकों का सच्चा हितैषी बताते हुए कहा कि वे हमेशा श्रमिकों के हक की लड़ाई लड़ते रहे.श्रमिक हित के लिए अल्पायु में अपनी शहादत दे दिया. उन्होंने कहा कि आज पूरे राज्य में, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के साथ अन्याय हो रहा है.केंद्र और राज्य सरकारें श्रमिक विरोधी नीतियां अपना रही हैं.
उन्होंने बल्लभपुर पेपर मिल का उदाहरण देते हुए कहा कि पेपर मिल बंद होने के बाद श्रमिकों को उनका बकाया नहीं मिला है. जब वामपंथी सरकार थी तब इस तरह की स्थिति नहीं थी. आज पूंजीपतियों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है.श्री चौधरी ने बाराबनी में अवैध खदान से तीन श्रमिकों की मौत और उनके शवों को गायब किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र में अवैध खनन का बोलबाला है. सालानपुर से लेकर कांकसा तक बालू का अवैध कारोबार चल रहा है, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. आज बंगाल में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी स्थिति है.
डीवाईएफआई नेत्री मीनाक्षी मुखर्जी का बयान: वामपंथी युवा संगठन डीवाईएफआई के राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर श्रमिकों को नजरअंदाज कर रही हैं. कारखाने बंद हो रहे हैं लेकिन श्रमिकों के हितों की रक्षा नहीं हो रही है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जो सरकार स्वंय दुर्नीतिग्रस्त है,वह दुर्नीति का किस तरह विरोध करेंगे. ईसी के खिलाफ वामपंथी सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं. दोनों नेताओं ने कहा कि श्रमिकों की एक ही मांग है - हाथों को रोजगार, पेट में भोजन और सर के ऊपर छत. उन्होंने कहा कि इन मांगों को पूरा करने के लिए वामपंथी और जनता सड़कों पर उतर आए हैं.
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