जामुड़िया - बीते 21 दिसंबर को जामुड़िया के शिवपुर निवासी बादल मुरमू नाम के एक सर्वेयर द्वारा जमीन का सर्वे करने जामुड़िया के वार्ड नंबर 2 के पुनियाटी वर्कशॉप इलाके में गए थे. जहां स्थानीय आदिवासी मोडल(मुखिया) सोम मुर्मू के नेतृत्व में स्थानीय निवासियों के एक समूह ने सर्वेयर की पिटाई कर दी थी.इस घटना से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. हाल ही में उनकी शारीरिक स्थिति और बिगड़ गई है, इस वजह से
हरिपुर, चुरूलिया के दिग्गूली ग्राम, पाण्डेश्वर , कालीपहाड़ी एवं बाराबनी आदिवासी समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर इस घटना में शामिल सभी सदस्यों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गुरुवार को जामुड़िया थाना गेट के सामने धरना दिया, बाद में जब प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका तो प्रदर्शन कारियों ने थाने का गेट को पुलिस द्वारा रोके जाने के प्रयास को विफल करते हुए गेट को धक्का देकर खोल दिया गया और प्रदर्शनकारी थाने परिसर में घुस गए.जामुड़िया थाना क्षेत्र में हुई इस घटना को लेकर काफी बवाल मचा.घटना को लेकर तनाव कायम कायम हो गया . प्रदर्शकारी पांच सदस्यों ने जामुड़िया थाना प्रभारी से मुलाकात कर अपनी मांगें रखी.
प्रदर्शनकारी सुकू हेम्ब्रम ने बताया कि यहां जमीन ब्रिटिश अमल जमाने की है, जो उस वक्त आदिवासी को दे कर गए थे, इस जमीन का पट्टा अभी तक नहीं हुआ है, इसी को लेकर गांव के ही एक आदिवासी सर्वेयर बादल मुर्मू ने कहा था की मैं सर्वेयर हूँ, जमीन के मामले में मुझे अधिक ज्ञान है, हम सभी मिलकर बीएलआरओ के पास चलते हैं और इसका पट्टा निकालने की कोशिश करते हैं, गांव वाले राजी हो गए . जबकि इसका विरोध सोम मुर्मू ने करते हुए वह और उसके आदमियों ने उसकी पिटाई कर दिया. उन्होंने कहा कि सोम मुरमु सहित बारह लोगों के खिलाफ थाना में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद भी अभी तक यह लोग गिरफ्तार क्यों नही हुए हैं इसीलिए हम आज जामुड़िया थाना में एक साथ एकत्रित होकर यह पूछना चाहते हैं कि अभी तक सोम मुरमु एवं उनके साथियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया .
उन्होंने मांग की पुलिस प्रशासन बादल मुर्मू के परिवार के सभी सदस्यों को घर पर सुरक्षित रहने की व्यवस्था करे, प्रदर्शनकारी आदिवासी समाज के लोगों का कहना था कि इससे पहले भी बादल मुर्मू के घर में आग लगा दी गई थी, उन पर अत्याचार हुआ था और 21 दिसंबर को उनको इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि वह अधमरे हो गए थे. 22 दिसंबर को एफ आई आर दर्ज कराई गई थी, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है. घटना से आतंकित बादल मुर्मू का परिवार घर में रह भी नहीं पा रहा है. इनका साफ कहना है जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.समाचार लिखे जाने तक आदिवासी समाज के लोगो का प्रदर्शन जारी था.










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