आसनसोल : आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 23 के चांदमारी मोड़ स्थित काली मंदिर के समीप तृणमूल के प्रत्याशी के पक्ष में बैनर लगाए जाने पर मंदिर कमेटी ने विरोध किया। मंदिर कमेटी के सचिव बंटी चक्रवर्ती ने बैनर लगाने का विरोध करते हुए कहा कि यह धार्मिक स्थल है। धार्मिक स्थल को राजनैतिक से दूर रखा जाए। लेकिन तृणमूल कार्यकर्ता अजय कुमार ने कहा कि बैनर यही लगाया जाएगा। जिसको जो करना है कर ले। विवाद बढ़ता गया तो कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग भी आकर कहे कि मंदिर-मस्जिद को राजनीति को दूर रखना चाहिए। यहां यह बैनर लगाकर गलत किया जा रहा है। इस बीच दोनों पक्ष से हल्ला-गुल्ला होने लगा। विरोध करने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस विवाद में तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी सीके रेशमा और निर्दल प्रत्याशी मिथिलेश दास भी कूद पड़े। दोनों ने एक दूसरे के ऊपर गुंडागर्दी धांधली करने का आरोप लगाया है। घटना के संबंध में बताते हुए निर्दल पार्टी मिथलेश दास के भाई समीर दास ने कहा कि आज सुबह तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता अजय कुमार चंदमारी मोड़ स्थित काली मंदिर के द्वार के पास तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी का बैनर लगा रहे थे। मंदिर कमेटी के सचिव बंटी चक्रवर्ती ने इसका विरोध किया। विवाद बढ़ता देख तृणमूल कांग्रेस की प्रत्याशी सीके रेशमा आकर उनके शरीर को नोचने लगी और उन्हें अपमानित करने लगी। उन्होंने कहा कि वे महिला है। ऐसा ना करें। आप शासक दल के प्रत्याशी हैं। इसका मतलब यह नहीं होता है कि आप कानून के विरुद्ध कार्य करें। बिना मंदिर कमेटी के सचिव के अनुमति के आप यहां बैनर नहीं लगा सकती हैं। उस समय निर्दलीय प्रत्याशी मिथिलेश दास घटना स्थल पर उपस्थित नहीं थे। तब तक इसकी सूचना निर्दलीय समर्थकों ने मिथिलेश दास को दी। मिथिलेश दास जब घटनास्थल पर पहुंचे तो उन्होंने सीके रेशमा से पूछा कि मेरा प्रचार गाड़ी जब जा रहा था तो आपने उसका बैनर पोस्टर क्यों फाड़ा। हमारा कार्यकर्ता के हाथ से आपने माईक क्यों छीनी। मिथिलेश दास ने आरोप लगाया कि सीके रेशमा ने अलीनगर के कुछ तृणमूल कार्यकर्ताओं को उसका कर यह कहवाई कि मिथिलेश दास का प्रचार गाड़ी यदि अलीनगर में घुसा तो जला दी जाएगी। मिथलेश दास का कहना है की पूर्व पार्षद सीके रेशमा इतने नीचे स्तर तक गिर जाएगी। उन्हें विश्वास नहीं था। यह लोकतंत्र है। लोकतंत्र में कोई भी जाकर अपनी बात रख सकता है। विवाद बढ़ता देख पुलिस को सूचना दी पुलिस घटनास्थल पर आई दोनों पक्षों की बात सुनी और एक दूसरे को वहां से चले जाने को कहा।









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