दुर्गापुर: पूरे देश में देश के दो पीएसयू बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियनों ने युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक युनियन्स के तहत 12 यूनियनों की ओर से गुरूवार को दो दिवसीय हड़ताल शुरू किया जो शुक्रवार को भी जारी रहेगा। इसी क्रम में दुर्गापुर में भी सभी सरकारी बैंक बंद रहे। इस मौके पर दुर्गापुर के युनाइटेड फोरम के सदस्य संजय सिंह ने कहा कि पूरे देश के लगभग 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया है। इसी के विरोध में बैंकिंग यूनियनों ने दो दिवसीय हड़ताल की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस वर्ष 2 सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण करेगी। बीते 4 वर्षों में 14 सार्वजनिक बैंकों को मर्ज भी किया गया है। वहीं दो बैंकों का वित्त वर्ष 2021-22 में निजीकरण होने के बाद इनकी संख्या 10 रह जाएगी। सरकार जल्द ही एलआइसी का आईपीओलाने के लिए भी तैयारी कर रही है। बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से बहुत से गरीब, आम लोग, छोटे-छोटे व्यवासायी बैंकों से उपकृत हुए थे। वहीं उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार गरीब, आम जनता के रखी पूंजी को बड़े पूंजीपतियों को लोन के माध्यम से दे रही है। बड़े पूंजीपति रुपये की लूट कर रहें है जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। केन्द्र सरकार आम जनता की गाढ़ी कमाई को बेच रही है। उन्होंने कहा कि दो दिनों की बैंक हड़ताल से केन्द्र सरकार पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा।









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