आसनसोल : बर्नपुर के सामडी स्थित सीएनजी गैस उत्सर्जन करने वाली एक कंपनी के द्वारा सात माह पहले नौकरी से निकाल दिए जाने पर हीरापुर निवासी 47 वर्षीय राजेश पाल सदमे के कारण शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। मृतक राजेश पाल की परिजन और ग्राम वासियों ने इसके लिए नौकरी से हटाए जाने वाला कंपनी को दोषी माना। इसके बाद ग्राम वासियों को परिजनों ने मुआवजे की मांग पर सुबह से शाम तक कंपनी के गेट पर शव के साथ प्रदर्शन किया। हालांकि सीएनजी गैस गैस उत्सर्जन करने वाली कंपनी के प्रबंधन ने मुआवजे की मांग पर अभी अपना मुंह नहीं खोला है। मृतक की मां सागरी पाल का आरोप है कि मेरे बेटे की मौत का जिम्मेदार सीएनजी गैस का उत्पादन करने वाली कंपनी प्रबंधन है। बिना किसी सटीक कारण के मेरे बेटे को नौकरी से बैठा दिया और यह सिलसिला चलता रहा। बीच में काम पर रखा फिर काम से बैठा दिया। इस तरह मेरे बेटे की मानसिक स्थिति बिगड़ गयी और उसकी मौत हो गई। इसी बात पर शुक्रवार को मृतक राजेश पाल की मां सागरी पाल अपने परिजन एवं गांव वासियों को लेकर राजेश के शव के साथ सीएनजी कंपनी के मुख्य द्वार पर जा बैठी। इस बात को लेकर शुक्रवार को सुबह से सीएनजी कारखाने के सामने हंगामा चलता रहा। वहीं मृतक के सहकर्मी अमित मांजी ने बताया कि कंपनी को राजेश पाल ने अपनी बहुत जमीन दी है। जिसके एवज में उसको नौकरी मिली थी। लेकिन 18 माह पहले राजेश पाल के साथ कई लोगों को बैठा दिया गया।बाद में बहुत मशक्कत करने के बाद उसे वापस काम पर लिया गया। लेकिन सात माह पहले उसे फिर बैठा दिया गया। कंपनी के द्वारा जमीन लिए जाने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। जिसका सदमा राजेश पाल बर्दाश्त नहीं कर सका और उसकी मौत हो गई।









0 टिप्पणियाँ