रानीगंज-कार्तिक पूर्णिमा जिसे देव दिवाली भी कहते हैं इसके शुभ अवसर पर श्री सीताराम जी मंदिर परिसर में 5 हजार दीपक प्रज्ज्वलित कर सैकड़ों लोगों ने इस उत्सव में भाग लिया.पौराणिक कथाओं में इस बात का उल्लेख है कि त्रिपुरासुर नामक राक्षस के अत्याचारों से सभी बहुत त्रस्त हो चुके थे. इस राक्षस से मुक्ति दिलाने के लिए ही भगवान शिव ने इसका संहार कर दिया था. उसके आतंक से जिस दिन मुक्ति मिली थी उस दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिन था. तभी से भगवान शिव का एक नाम त्रिपुरारी पड़ा. इससे सभी देवों को अत्यंत प्रसन्नता हुई. तब सभी देवतागण भगवान शिव के साथ काशी पहुंचे और दीप जलाकर खुशियां मनाई. कहते हैं कि तभी से ही काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने का प्रचलन है.इस आयोजन को सफल बनाने में मंदिर कमिटी के प्रदीप सराफ,बिमल बाजोरिया,ललित झुनझुनवाला, विकास सतनालिका सहित मंदिर कमिटी के सदस्य उपस्थित थे.









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