आसनसोल : राज्य सरकार द्वारा गठित पश्चिम बंगाल पुलिस वेलफेयर कमेटी की प्रथम सेमिनार रविवार को आसनसोल के रविन्द्र भवन में आयोजित हुआ। इस दौरान पुलिस द्वारा कई विशेष समाजसेवियों को उनके द्वारा किए गए विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यो के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में मुख्य रूप से डॉ अरुणाभ सेनगुप्ता, रुमेलीदास मुखर्जी, रक्तदान आन्दोलन के प्रणेता प्रवीर धर, नाट्यकार स्वपन विश्वास, बासंती सिन्हा, कालाचंद घोष, सुब्रत बनर्जी, मृत्युंजय मुखर्जी और पिंटू भट्टाचार्य प्रमुख थे। इसके आलावे अधिकारियों द्वारा पुलिस कर्मियों को भी प्रोत्साहित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। बैठक में पश्चिम बंगाल पुलिस वेलफेयर बोर्ड कमिटी के संयोजक बिजिताश्व राउत, राज्य कमिटी सदस्या उर्मिला बासु, राज्य और कोलकाता पुलिस वेलफेयर कमिटी के संयोजक शांतनु सिन्हा, कोलकाता पुलिस वेलफेयर कमिटी के तपन माइती, आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त सुधीर कुमार नीलकांतम, डीसी सेंट्रल अंशुमन साहा, डिप्टी कमिश्नर डॉ. कुलदीप सुरेश आदि उपस्थित थे।
वही आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस वेलफेयर कमेटी के चेयरमैन सह पुलिस आयुक्त एन.सुधीर कुमार ने कहा कि कोलकाता और वेस्ट बंगाल पुलिस समेत अन्य जिलों में पुलिस अधिकारियो व कर्मियों के लिए ग्रिवेंस रिड्रिसल कमिटी का गठन हुआ है, जिसके माध्यम से पुलिस विभाग के विभिन्न समस्याओ का काफी सरलतापूर्वक समाधान हो पाना संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस समाज का अंग बनकर काम करती है। पुलिस पर क़ानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने की जिम्मेवारी होती है और इसी बिच कई समस्याए भी उत्पन्न होती रहती है। पूर्व की समस्याओं को हल करे तो दूसरी समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में समस्याओ को सही समय और सही जगह पहुंचने पर कमिटी के माध्यम से उक्त समस्याओ का हल काफी आसानी से हो जाता है। जिसका लाभ हर पुलिस विभाग के अधिकारियो व कर्मियों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को किसी मामले में उच्चस्तरीय निर्देश मिलने पर उसे पूरा करने की जिम्मेवारी बड़े अधिकारियो से लेकर ग्राउंड स्तर के कर्मियों पर रहती है। किन्तु सबसे अधिक वर्क ग्राउंड लेवल के कर्मियों का होता है, इसलिए वे ही पुलिस विभाग की पहचान है, जिन्हें समय-समय पर प्रोत्साहित करना और उनके समस्याओं का समाधान करना कमिटी का कर्तव्य है।
सभा को संबोधित करते हुए बिजिताश्व राउत ने कहा कि संस्था के नियमो के अनुसार सभी को काम करना होगा। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में एक लाख 51 हजार सिविक वोलेंटियर है। जिसकी संख्या बंगाल और कोलकाता पुलिस से अधिक है। लेकिन इन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराइ गई थी। कमेटी ने पहल करते हुए स भी सिविक वोलेंटियरो की परिचय पत्र बनवाने के साथ ही पोशाक सुनिश्चित करवाई, अब इन्हें स्वास्थ्य साथी के तहत भी लाया गया है और इनके लिए एक पे कमिटी का गठन किया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस विभाग के लिए बहुत काम की है। जंगल महल को सुव्यवस्थित करने हेतु जूनियर कांस्टेबल की बहाली की। इसके आलावा नई नियुक्तियां भी बहाल हुई है। उन्होंने कहा कि बंगाल में पुलिस विभाग का काफी विस्तार हुआ है और कई सुविधाए भी उपलब्ध कराइ गई है। इसके तहत अब किसी भी पुलिस अधिकारियो को पदोनोत्ति के लिए इन्तजार नहीं करना पड़ता है, बल्कि जिनकी कार्य शैली बेहतर होती है, उनके मेरिट के अनुसार स्वयं ही उन्हें प्रमोशन दिया जाता है।









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